रैगिंग के अंतर्गत...
कोलाहलपूर्ण अनुचित व्यवहार करना, चिढ़ाना, भद्दे या अशिष्ट आचरण करना, उपद्रवी अनुशासनहीन क्रियाकलापों में संलग्न होना जिससे नए छात्र को गुस्सा, अनावश्यक पेरशानी, शारीरिक अथवा मानसिक क्षति हो अथवा उसमें आशंका या भय बढ़ाने वाला हो अथवा छात्र से ऐसा कार्य करने के लिए कहना, जो छात्र-छात्रा सामान्यतया नहीं कर सकता/सकती और जिससे उसे शर्म या अपमान का अनुभव होता हो अथवा उसके जीवन के लिए खतरा हो। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 (कर्नाटक अधिनियम नं. 1995), अनुच्छेद 2 (29) के अनुसार रैगिंग की परिभाषा इस प्रकार है: किसी छात्र को मजाक में या किसी प्रकार से ऐसा कार्य करने के लिए कहना, प्रेरित करना या बाध्य करना, जो मानव-मर्यादा के खिलाफ हो या उसके व्यक्तित्व के विपरीत हो या जिससे वह हास्यास्पद हो जाए या डरा-धमका कर गलत ढंग से रोक कर, गलत एंग से बंद करके या उसे चोट पहूंचाकर या उसे इस प्रकार की धमकी, गलत अवरोध, गलत ढंग से बंदी बनाने चोट या अनुचित दबाव का भय दिखाकर वैधानिक कार्य केरने से मना करना। रैगिंग का स्वरूप: रैगिंग निम्नांकित रूपों (सेची केवल निर्देशात्मक है, संपूर्ण नहीं) में पायी जाती है:
स्पष्ट आदेश...
- सीनियर छात्रों को सर कहने के लिए
- सामूहिक कवायद करने के लिए
- सीनियरों के क्लास-नोट्स उतारने के लिए
- अनेक सौंपे हुए कार्य करने के लिए
- सीनियरों के लिए भृत्योचित कार्य करने के लिए
- अलील प्रश्न पूछने या उसका उत्तर देने के लिए
- नेये छात्रों को सीधेपन के विपरीत आघात पहुंचाने हुतु अश्लील चित्रों को देखने के लिए
- शराब, उबलती हुई चाय, आदि पीने के लिए बाध्य करना
- कामुक संकेतार्थ वाले कार्य, जिससे शारीरिक क्षति, मानसिक पीड़ा या मृत्यु तक हो सकती है।
- नंगा करना, चुंबन लेना आदि अन्य अश्लीलताएं करना।
उपर्युक्त से यह विदित होता है कि प्रथम पांच को छोड़कर अधिकत्तर रैगिंग के विकृत रूपों से युक्त हैं।
रैगिंग में लिप्त होने पर दिये जाने वाला दण्ड...
- प्रवेश निरस्त किया जाना।
- कक्षा/छात्रावास से निष्कासित किया जाता।
- छात्रवृत्ति अथवा अन्य सुविधा रोकना।
- परीक्षाओं से वंचित करना।
- परीक्षा परिणाम रोकना।
- राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय तथा युवा-उत्सव में भाग लेने पर प्रतिबंध।
- संस्था से रेस्टीकेट किया जाना।
- आर्थिक दण्ड रूपये 25,000/-तक।