Govt. Rani Suryamukhi Devi College, Chhuria, Rajnandgaon

1.1          Govt. Rani Suryamukhi Devi College, Chhuria was established in 1989 as Government College,Chhuria. It began functioning on the 14th of October, 1989 within the premises of a Government Higher Secondary School building at Chhuria. On 3rd of September, 2009. The College got its building. On 7th December 2001,on the decision of the State Government the College received its present name,after the queen of Khairagarh estate, Rani Suryamukhi Devi.

To begin with, the College offered teaching in only BA,(Economics, Pol. Science, Sociology, Hindi and English) course of the Pt. Ravishankar Shukla University Raipur(C.G.). This institution began its journey with just 10 students, 8 boys and 2 girls enrolled. At Present, 852 students are enrolled in B.A., B.Sc. , B.Com. and M.A. Hindi

It was through meticulous planning and hard work of the teachers, local Political leaders and the administrative staff that, in spite of many limitations, the College came to be recognized as an important institute of higher education in the Rajnandgaon District of C.G. From its humble beginnings in a small school building. Govt. Rani Suryamukhi Devi College  Chhuria has indeed come along way. Today, it attracts students from all over sections of society. It is our sincere belief that the College will scale greater heights and occupy its rightful position in higher education in the years to come.



LATEST NEWS
शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 के पाट्यक्रम के अंतर्गत प्रवेश लेगे
महाविद्यालय में दिनाक 09.12.2019 एवं 10.12.2019 को स्पोर्ट्स डे का आयोजन
STUDENT'S GRIEVANCE CELL


 Example:- B.A. 1st Year




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YEARS OF EXCELLENCE

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OUR COURSES

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HAPPY STUDENTS

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EXPERT FACULTIES

OUR EXPERT FACULTIES

FROM THE PRINCIPAL'S DESK

PRINCIPAL-Govt. Rani Suryamukhi Devi College, Chhuria, Rajnandgaon

महाविद्यालय में प्रवेशित विद्यार्थियों का आत्मीय स्वागत है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण प्रगति हेतु मुक्त वातावरण में उनकी चिंतनधारा को विकसित होने का अवसर प्रदान करना महाविद्यालय का दायित्व है। जिसको महाविद्यालय पूर्ण तत्परता एवं लगन से निभा रहा है। विद्या रूपी संपत्ति अन्य प्रकार की संपत्तियों से सर्वोपरि होती है, अतः इसका अर्जन ही विद्यार्थियों के जीवन को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। महाविद्यालय में श्रेष्ठ शैक्षणिक वातावरण निर्मित करने हेतु पारदर्शी शिक्षण, निरंतर परीक्षण के साथ ही विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के मध्य निर्भीक सहचर्य का पालन किया जाता है।

विद्यार्थियों के पूर्ण विकास के लिए महाविद्यालय प्रतिबद्ध है, इस हेतु महाविद्यालय में एन.सी.सी., एन.एस.एस, कैरियर और काउंसलिंग सेल, प्लैसमेंट सेल की सुविधाओं के साथ ही विद्यार्थियों में आत्म विश्वास की वृद्धि एवं अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करने के लिए साहित्यिक, सांस्कृतिक, क्रीड़ा एवं संकायवार संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाता है। वर्तमान अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, अतः सामयिक संदर्भो के साथ व्यक्तित्व विकास, रोजगार के अवसर, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता एवं वैचारिक एवं बौद्धिक सामर्थ्य के निर्माण हेतु महाविद्यालय निरंतर प्रयासरत् है, जिससे हमारे विद्यार्थियों को निरंतर परिवर्तनशील वैश्विक वातावरण में विकास के अवसर उपलब्ध हो सकें। महाविद्यालय के विकास में जनभागीदारी समितियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का सकारात्मक सहयोग भी अपनी भूमिका अदा कर रहा है। महाविद्यालय परिवार सभी के प्रति आभार व्यक्त करता है। महाविद्यालय का संचालन परिवार के सहयोग, समर्पण से सुचारू रूप से संचालित हुआ है, मैं सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करती हूॅ।

अपेक्षा है आप महाविद्यालय के अनुशासन का परिपालन कर संचालित विभिन्न गतिविधियों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए आत्मविश्वास परिपूर्ण नेतृत्व क्षमता को प्राप्त कर महाविद्यालय की पहचान स्थापित करने में अपनी महती भूमिका अदा करेंगे।


                                                           PRINCIPAL

                                                    Dr. SUSHMA CHOURE



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